नए शहरीकरण के लिए नगरीय निकायों का सशक्त होना जरूरी :: मुख्यमंत्री कमल नाथ

जन-प्रतिनिधि परिवर्तन के इस दौर में नई दृष्टि और दूरदर्शिता के साथ काम करे    भोपाल //          मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा है कि बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए नगरीय निकायों को सशक्त बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय संस्थाओं के चुने हुए जन-प्रतिनिधि तेजी से हो रहे परिवर्तन को पहचान और नई सोच और नई दृष्टि से दूरदर्शिता के साथ अपने शहरों का विस्तार करें। मुख्यमंत्री   आज मंत्रालय में नगर-पालिका और नगर-परिषद के अध्यक्षों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री  ने कहा कि यह समय है जब हम अपने छोटे-बड़े शहरों का भविष्य की जरूरतों के मुताबिक नियोजन करें। परिवर्तन के इस दौर में नागरिकों की अपेक्षाएँ और उम्मीद भी बढ़ी हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी कार्य-शैली और संस्कृति में परिवर्तन लाएं और लोगों की आशाओं के अनुरूप शहरों का नियोजित विकास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय-निकायों को सरकारी मदद के साथ ही अपनी आय के नए स्त्रोत भी विकसित करना होंगे। इसके लिए वे नई गतिविधियों की शुरुआत करें। मुख्यमंत्री  ने कहा कि पिछले एक साल में नई सरकार ने अपने काम से नियत और नीति का परिचय दिया है। वित्तीय संकट था। किसानों की आत्म-हत्या, बेरोजगारी और महिलाओं के साथ अत्याचार में प्रदेश देश में नंबर-1 था। इन चुनौतियों के बीच सरकार ने बड़े फैसले लिए। ऋण माफी के वचन को पूरा करते हुए 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए गए। कर्ज माफी की प्रक्रिया में कई ऐसी तकनीकी दिक्कतें आई जिनके कारण हमारे सामने कई संकट खड़े हुए। इन सबका निदान हमने किया। इसी माह से हम कर्ज माफी का दूसरा चरण शुरू करने जा रहे हैं। बेरोजगारी की चुनौती से निपटने के उदे्दश्य से निवेश के लिए विश्वास की वापसी की है। श्री नाथ ने कहा कि हमारे यह काम जनता तक पहुँचाने में नगरीय निकायों के पदाधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। नगरीय विकास और आवास मंत्री  जयवर्धन सिंह ने कहा कि यह सौभाग्य है कि प्रदेश के नगरों के सुनियोजित विकास के लिए हमारे पास अनुभव और मार्गदर्शन के रूप में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री रहते हुए पूरे देश के शहरों के विकास को एक नई दिशा और कई योजनाएँ दी।  नगरीय विकास और आवास मंत्री ने कहा कि वे सरकार की नगरीय विकास नीतियों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नगरीय विकास   मंत्री ने कहा कि बड़े शहरों के साथ ही छोटे शहरों के विकास के लिए सरकार नई दिशा दृष्टि से काम कर रही है। पीने का पानी लोगों का अधिकार है इसके लिए सरकार "राइट टू वाटर" की नीति बनाने जा रही है। शहरों की पहचान जिन गतिविधियों से है, उनका भी संरक्षण किया जा रहा है।प्रदेश के नगर पालिका एवं नगर परिषद संगठन की अध्यक्ष श्रीमती हरमीत कौर एवं अन्य अध्यक्षों ने नगरीय निकायों को सशक्त बनाने के सुझाव दिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री का नगर पालिका एवं नगर परिषद संगठन की ओर से शाल-श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया गया।